फांसीघर पहुंचते ही दहाड़े मारकर रोया था विनय-पवन, गिड़गिड़ाकर मांगी माफी

nirbhaya convicts

नई दिल्ली। निर्भया के दो दोषी पवन और विनय के मौत को सामने देखकर पसीने छूट गए। पवन फांसीघर के फर्श पर ही लेट गया, जबकि तख्त के पास पहुंचते ही विनय जोर-जोर से दहाड़ें रोने लगा। दोनों वहां मौजूद जेलकर्मियों से दया की भीख मांगने लगे। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें किसी तरह संभाला और फिर फांसी के तख्ते तक पहुंचाया।

निर्भया के दोषी जिस हाई सिक्योरिटी सेल में बंद थे, फांसीघर वहां से चंद कदमों की दूरी पर है। सुबह दोषियों को फांसीघर ले जाया गया तो उनके पैर लड़खड़ा रहे थे। चंद मीटर की दूरी तय करने के लिए भी उन्हें सुरक्षाकर्मियों के कंधे का सहारा लेना पड़ा। जेल के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अदालत में चल रहे हर केस के बारे में दोषियों को जानकारी दी जाती थी। वे इस बात से पूरी तरह अवगत थे कि अब उनके पास कानूनी विकल्प नहीं बचे हैं। इसलिए उनके बचाव का हर रास्ता बंद हो चुका है।

शुक्रवार तड़के अपनी सेल में जेल अधीक्षक को देखकर उनके चेहरे के भाव बदल गए। उन्हें समझते देर नहीं लगी कि मौत का वक्त करीब आ गया है। जेल अधीक्षक ने आंखों से इशारा कर उन्हें दैनिक क्रिया-कलाप से निवृत्त होने के लिए कहा। उन्हें कपड़े पहनने के लिए दिए जा रहा थे तो विनय रोने लगा और कपड़े पहनने से इनकार कर दिया है।

पवन फांसीघर के फर्श पर ही ले गया और गिड़गिड़ाकर जान बख्शने की भीख मांगने लगा। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह दरिंदों के हाथ पीछे कर उन्हें रस्सी से बांध दिया। पवन और विनय को एक, जबकि मुकेश और अक्षय को दूसरे तख्त पर खड़ा किया था।

About The Author