धूम्रपान से मौतों के मामले में भारत चौथे पायदान पर

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नई दिल्ली। एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि विश्व में वर्ष 2015 में मरने वाले प्रत्येक 10 लोगों में से 1  से अधिक की मौत धूम्रपान की वजह से हुई। इनमें से 50 फीसदी से अधिक मौतें सिर्फ ४ देशों में हुई, जिनमें भारत भी शामिल है। यह अध्ययन 115  देशों में धूम्रपान करने की आदतों पर आधारित है।

द लैनसेट पत्रिका में प्रकाशित ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) के अध्ययन के अनुसार वर्ष 2015 में विश्व में हुई ६४ लाख लोगों की मौत में ११.५ फीसदी से अधिक लोगों की मौत का कारण धूम्रपान था। इनमें से ५२.२ फीसदी लोगों की मौत चीन, भारत, अमेरिका और रूस में हुई। पुरुषों के धूम्रपान करने के मामले में चीन, भारत और इंडोनेशिया तीन अग्रणी देश हैं।

वर्ष २०१५ में विश्व में धूम्रपान करने वाले पुरुषों में से करीब ५१.४ फीसदी लोग इन्हीं देशों के हैं। विश्व में धूम्रपान करने वाली कुल आबादी का ११.२ फीसदी हिस्सा भारत में रहता है। अध्ययन के अनुसार वर्ष २००५ की तुलना में वर्ष २०१५ में धूम्रपान से होने वाली मौत में ४.७ फीसदी की वद्धि हुई है।

धूम्रपान का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है और यह अक्षमता का दूसरा सबसे बड़ा कारण बनाया है। इससे पहले यह अक्षमता का तीसरा सबसे बड़ा कारण था। इसमें बताया है कि महिलाओं द्वारा धूम्रपान करने के मामले में तीन अग्रणी देश अमेरिका, चीन और भारत हैं। यहां विश्व में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की २७.३ फीसदी आबादी रहती है।

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