‘हेटस्पीच’ पर कानून की सिफारिश

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय विधि आयोग ने नेताओं के नफरत फैलाने वाले भाषण (हेटस्पीच) रोकने के लिए अलग से एक कानून बनाने की सिफारिश की है। विधि आयोग ने अपनी २६७ वीं रिपोर्ट में कहा कि हेटस्पीच के लिए आईपीसी में धारा १५३-सी (घृणा भड़काने पर निषेध)जोड़ी जाए जिसमें दो वर्ष की सजा तथा ५००० रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा जाए। कानून बनाने के लिए आयोग ने अपनी सिफारिशें गुरुवार को केंद्र सरकार को भेजी। आयोग ने यह अध्ययन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया है।

शीर्ष कोर्ट ने आयोग से कहा कि था कि आयोग राजनेताओं की हेटस्पीच पर दिशा-निर्देश बनाए जिससे भड़काऊ भाषणों को रोका जा सके। आयोग ने राय दी है कि हेटस्पीच किसी समूह, मत, संप्रदाय, विश्वास या धार्मिक समूह के खिलाफ घृणा को उकसाना है। कोई भी ऐसा शब्द लिखा गया या बोला गया, चिन्ह, वीडियो, पोस्टर जिसका इरादा भय पैदा करना हो या ¨हसा को उकसाना हो और जो सुनने की सीमा के अंदर दिया गया हो, नफरत फैलाने वाला है।

आयोग ने इसके साथ धारा ५०५ ए (निश्चित मामलों में भय, शंका, ¨हसा के लिए उकसावा पैदा करना) भी जोड़ने के लिए कहा है। जो भी बोले गए या लिखित शब्दों से, या अन्य दृश्यपत्रों से जो गंभीर रूप से डराने वाले हों, अपमान करने वाले सुनने की सीमा में कहे जाते हैं, जिससे डर और शंका फैलती है तथा जिसका इरादा गैरकानूनी ¨हसा भड़काना हो, ¨हसा के लिए भड़काव पैदा करने वाले माने जाएंगे। इसके लिए एक वर्ष की सजा व ५००० रुपये का जुर्माने का प्रावधान किया जाए। आईपीसी में धारा १५३ ए है जिसमें दो समुदायों के बीच लिखित या बोले गए शब्दों से वैमनस्य फैलाने पर दंड की व्यवस्था है।

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