अतीत को परखने, भविष्य की योजना और रणनीति बनाने का दिन: जेपी नड्डा
नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस अतीत को परखने, मौजूदा परिस्थितियों का जायजा लेने, भविष्य की योजना और रणनीति बनाने का दिन है। वे आज यहां ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर बोल रहे थे। श्री नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य नीति को पूरी तरह कार्यान्वयन में लाने पर केन्द्रित है। इस संबंध में निमहांस (NMHANS) जैसे अधिक से अधिक संस्थान कायम किये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय १०० जिलों में हाईपरटेंशन, मधुमेह और ब्रेस्ट, सरवाइकल और ओरल कैंसरों की जांच के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नि:शुल्क दवाएं और निदान कार्यक्रम शुरू किये हैं, ताकि गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके। लोकसभा में मानसिक स्वास्थ्य सुविधा विधेयक को पारित किया है।
समारोह में जे.पी.नड्डा ने निमहांस में स्वास्थ्य केन्द्र से संबंधित रिपोर्ट, ईसीटी प्रशासनिक पुस्तिका के दूसरे संस्करण, विकलांगों के लिए मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सुविधा किट, योग एवं अवसाद, आशा के लिए मानसिक स्वास्थ्य संसाधन मार्गदर्शिका, मनोवैज्ञानिकों के लिए प्रशिक्षण पुस्तिका एवं जीवन कौशल शिक्षा, तनाव प्रबंधन एवं आत्मघात निरोधक निर्देशिका भी जारी की।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सहायता की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हमारे पास अपार क्षमता है कि हम अवसाद से निपटने में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अवसाद को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी गंभीर समस्या माना है।
DHR की सचिव एवं ICMR की महानिदेशक डॉ.सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि संसद द्वारा मानसिक स्वास्थ्य सुविधा विधेयक, २०१६ का पारित होना भारत के लिए अहम कदम है। उन्होंने कहा कि २०-४० आयु वर्ग के युवा लोगों में आत्महत्या की घटनाएं अधिक होती हैं, जिनमें १५ से १९ वर्ष के किशोर भी शामिल हैं।
भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकेडम ने कहा कि पिछले १० वर्षों के दौरान अवसाद के मामलों में २० प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि अवसाद को रोकने के लिए बच्चों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद, अवर सचिव एवं मिशन निदेशक डॉ. ए.के. पांडा सहित स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि और अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे।