शुंगलू कमेटी रिपोर्ट से साफ, केजरीवाल सरकार ने किए घपले- विजेन्द्र गुप्ता

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज कहा कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट के खुलासे से अब यह पूरी तरह सिद्ध हो गया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता के साथ जिस प्रकार का विश्वासघात किया है। गुप्ता ने कहा कि दूसरा उद्धाहरण स्वतंत्र भारत के इतिहास में मिलना नामुमकिन है।

कमेटी रिपोर्ट ने साफ कर दिया कि केजरीवाल सरकार ने जो घपले किए, अपनी पार्टी के लोगों को और जान पहचान वालों को जो जमकर रेवड़ियां बांटी और कानून की जो धज्जियां उड़ाई वह जनता के विश्वास को तोड़ने के अलावा कुछ नहीं है। आम आदमी पार्टी की बेशर्मी की हद तो यह है कि इतने स्पश्ट खुलासों के बाद भी वह अभी सबूत मांग रही है।

विजेन्द्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी से शुंगलू कमेटी को लेकर १० सवाल पूछे। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से इन सवालों के जवाब मांगे।

१. क्या उन्हें भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापाल वी.के.शुंगलू, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन.गोपालस्वामी तथा पूर्व केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार जैसे ईमानदार, निश्पक्ष और संविधान एवं विधि के जानकारों की नियत, निष्पक्षता तथा क्षमता पर शक है जो उनकी पार्टी किए गए खुलासों की सत्यता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।
२. क्या यह सत्य नहीं है कि उनके मुख्यमंत्री बनने से पूर्व सरकार का संवैधानिक ढांचा २० साल से भी अधिक समय से सफलतापूर्वक काम कर रहा था और इसके विधायी तथा प्रशासनिक दायित्व तथा उपराज्यपाल के संवैधानिक अधिकार स्पष्ट रूप से परिभाशित थे।
३. क्या यह सत्य नहीं कि उनके तथा उनके मंत्रियों ने अपने दो वर्ष से भी अधिक के कार्यकाल में दिल्ली के नौकरशाही को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश की।
४. क्या यह सत्य नहीं कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा मंत्रियों ने उपराज्यपाल को जानबूझकर चुनौती दी और उनकी वैधानिक स्वीकृति के बिना ही अनेक मामलों को अपने स्तर पर ही स्वीकृति देकर उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाई।
५. क्या यह सत्य नहीं कि मुख्यमंत्री ने बिना निर्धारित प्रक्रिया को अपनाए स्टैंडिंग काउंसिल तथा वकीलों को नियुक्त किया।
६. क्या यह सत्य नहीं कि उन्होंने अनेक सवैंधानिक बोर्डों का अनधिकृत रूप से गठन किया और कई मामलों में पुर्नगठन किया।
७. क्या यह सत्य नहीं कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के विधायकों और पार्टी से जुड़े तथा जान पहचान वाले लोगों को बिना किसी नियम कायदे के भरपूर लाभ पहुँचाया तथा सुविधाएं दी।
८. क्या यह सत्य नहीं कि मुख्यमंत्री ने बिना संवैधानिक तथा वैधानिक अधिकारों के अनेक मामलों में स्वीकृति प्रदान करी, जो कि उन्हें नहीं करनी चाहिए थी।
९. क्या यह सत्य नहीं कि उनके अनेक मंत्री बिना उपराज्यपाल की अनुमति के विदेश यात्राओं पर गए जबकि संवैधानिक रूप से ऐसा करना आवष्यक था।
१०. क्या यह सत्य नहीं है कि उन्होंने अनेक अयोग्य और भर्ती नियमों को पूरा न करने वाले अपनी पार्टी के लोगों तथा अपनी व अपने मंत्रियों की जान पहचान वाले लोगों तथा रिष्तेदारों को महत्वपूर्ण पदों पर मोटे वेतन तथा सुविधाओं के साथ नियुक्त किया।

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