101 नई एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं को मंजूरी
नई दिल्ली। भारत विश्व में सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक और फलों और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसके बावजूद यहां केवल २.२ प्रतिशत फलों और सब्जियों का प्रसंस्करण ही किया जाता है। भारत में प्रत्येक खाद्य उत्पादन केंद्र पर सस्ते शीत भंडार और शीत श्रृंखलाओं की आवश्यकता है। मौजूदा शीत भंडार सुविधा कुछ राज्यों में ही केंद्रित है और मौटे तौर पर ८० से ९० शीत भंडारों का आलू के भंडारण के लिए उपयोग किया है।
भारत को इस बारे में लंबा रास्ता तय करना है। खाद्य प्रसंसकरण मंत्रालय देश में राष्ट्रीय कोल्ड चेन ग्रिड का निर्माण कर रहा है ताकि सभी खाद्य उत्पादक केन्द्रों को शीत भंडारण और प्रसंस्करण उद्योग से जोड़ा जा सके। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय नई कोल्ड चेन अवसंरचना को स्थापित करने में जुटा हुआ है, जिसमें शीत भंडारण और प्रसंस्करण दोनों ही सुविधाएं शामिल हैं। मंत्रालय ने मई, २०१५ में ३० कोल्ड चेन परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।