स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 107 घंटे बाद तोड़ा अनशन

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की सांकेतिक पूजा करने से रोकने पर अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 107 घंटे बुधवार को अपना अनशन तोड़ दिया। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश के बाद उन्होंने बुधवार की सुबह 7:00 बजे अपने अनशन को तोड़ा है।

बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 4 जून को ज्ञानवापी के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा करने जा रहे थे। पुलिस द्वारा रोकाने पर नाराज होकर वह अनशन पर बैठ गए थे। बुधवार को पांचवें दिन उन्होंने अनशन तोड़ा, लेकिन उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अब भिक्षा लेकर पूरे देश में इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बुधवार की सुबह 7:00 बजे वजूखाने में मिले शिवलिंग का सांकेतिक पूजा करने को लेकर शुरू किए अनशन को तोड़ा। इस दौरान उन्होंने वजूखाने में मिले शिवलिंग के सांकेतिक खड़ाऊं को भी स्थापित किया। उनके अनुसार यह खड़ाऊं जहां शिवलिंग मिला है उसकी दूरी को निर्धारित कर लाया गया है।

तब तक इसी खड़ाऊं का वह पूजा करते रहूंगा। इसके साथ ही अपने पूजा के अधिकार को पूरा करने के लिए वह देशव्यापी अभियान चलाएंगे। इसके लिए पूरे देश से भिक्षाटन करूंगा। भिक्षाटन का रूप क्या होगा यह आने वाले समय में तय होगा।

फिलहाल उन्होंने वाराणसी के जिलाधिकारी के ऊपर आरोप लगाते हुए अपने अनशन को तोड़ दिया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानद के अनशन तोड़ने और ज्ञानवापी में पूजन करने के जिद छोड़ने पर वाराणसी प्रशासन को राहत जरूर मिली है।