अयोध्या में रामलला के दर्शन का समय 3 घंटे बढ़ा

लखनऊ। रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के साथ दर्शनार्थियों की संख्या में भारी इजाफा तब हो गया जबकि कोरोना की वैश्विक महामारी से देश-विदेश त्राहि-त्राहि कर रहा था। अब जब कोरोना का भय पूरी तरह से निकल गया है तो जाहिर है रामनवमी पर भीड़ का रेला उमड़ना तय है। जिला प्रशासन और रामजन्मभूमि ट्रस्ट को इसका पूरा अंदेशा है। यही कारण है कि तात्कालिक तौर पर रामलला के दर्शन की अवधि तीन घंटे बढ़ाने का फैसला किया है।

यह व्यवस्था नवसंवत्सर यानि दो अप्रैल से लागू हो जाएगी। यह जानकारी रामजन्मभूमि ट्रस्ट के न्यासी डा. अनिल मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों की संभावित भीड़ को ध्यान में रखकर सुबह व शाम की दोनों पालियों में डेढ़-डेढ़ घंटे का समय बढ़ाया जाएगा। सुबह की पाली में दर्शन की अवधि जो अभी सात बजे से 11 बजे है, उसे बढ़ाकर सुबह छह बजे से साढ़े 11 बजे और शाम की पाली जिसमे दर्शन की अवधि अपराह्न दो बजे से छह बजे है, वह दो बजे से साढ़े सात बजे तक रहेगी। मालूम हो कि यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं को रामलला का दर्शन सुनिश्चित कराने के लिए रामजन्मभूमि की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में दर्शन अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था।

बावजूद इसका क्रियान्वयन संभव नहीं हो सका लेकिन अब मजबूरन निर्णय लेना पड़ा।रामलला के दर्शनार्थियों के लिए दर्शन की अवधि बढ़ाना खासकर शाम की पाली में, सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौती पूर्ण है। यही कारण है कि दर्शन अवधि बढ़ाने का निर्णय लेने में छह माह से अधिक का समय गुजर गया। फिलहाल अब जब निर्णय हो गया है तो सबसे पहले सुरक्षा के मानकों के लिहाज से सभी इंतजाम प्राथमिकता पर कराए जा रहे है।

इस विषय पर अंतिम निर्णय 25 मार्च को उस दिन लिया गया जिस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लिया था। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय को शपथ ग्रहण का न्योता मिला था लेकिन उनका इरादा लखनऊ जाने का नहीं था। एक दिन पहले सायं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का फोन आया और इमरजेंसी में वह कारसेवकपुरम से लखनऊ के लिए उसी दिन निकल गये। वहीं से वह दिल्ली की बैठक में हिस्सा लेने चले गये।