Mathura News: पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह की भूमि पर ठोंका दावा, दाखिल की याचिका

दावा है कि जब भूमि सेवा संघ के नाम पर थी ही नहीं तो उसके द्वारा समझौता कैसे किया जा सकता है।

Shri Krishna Janmabhoomi Trust

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Shri Krishna Janmabhoomi Trust: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने पहली बार ईदगाह की भूमि पर अपना दावा ठोंका है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद में पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह की जमीन पर अपना दावा करते हुए वाद दायर किया है। ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट वाद दायर हुआ, जिसे ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने रखा।

कोर्ट ने भोजनावकाश के बाद इस पर सुनवाई की और वाद स्वीकार करते हुए उसे हाईकोर्ट भेजने को कहा है, जिससे की हाईकोर्ट में इस प्रकरण में पूर्व में चल रही 17 याचिकाओं पर सुनवाई के साथ समायोजित किया जा सके। श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान (पूर्व में सेवा संघ) और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, जिसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर की देखरेख, साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के नाम से बनाया था। इस संघ के द्वारा गैर आधिकारिक तौर पर 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से भूमि को लेकर समझौता किया था। इस समझौते के तहत ढाई एकड़ के करीब भूमि ईदगाह कमेटी को दे दी गई।

ये समझौता पूर्ण रूप से गलत है। इस समझौते की डिक्री 1973 व 1974 में न्यायालय द्वारा की गई। इसे रद किया जाए। अब तक जन्मस्थान मामले में 17 वाद दायर हो चुके हैं, लेकिन ये पहला मामला है, जिसमें जन्मभूमि ट्रस्ट खुद ही वादी है।

ट्रस्ट के गोपेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से प्रमुख 10 बिंदुओं पर बिना किसी अधिकार के समझौता किया था। 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है। दावा किया गया है कि जब भूमि सेवा संघ के नाम पर थी ही नहीं तो उसके द्वारा समझौता कैसे किया जा सकता है।