सदन में उठा कांग्रेस सदस्य के अपमान का मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में आज कांग्रेस दल के नेता दिनेश प्रताप सिंह को एक सरकारी अधिकारी द्वारा टेलीफोन पर कथित रूप से धमकी दिये जाने का मुद्दा उठा।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस दल के नेता दिनेश प्रताप सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाते हुए कल रायबरेली विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता एस. के. सिन्हा पर फोन पर अभद्रता करने और ‘विधायकी भुलाने’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि वह सिन्हा से रायबरेली शहर स्थित बेलीगंज में बन रहे एक मकान में प्राधिकरण के कर्मचारियों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किये जाने के मामले में नियमसंगत कार्रवाई की बात कर रहे थे लेकिन अधिकारी ने उनसे बदतमीजी की।
सिंह ने इसे अपने विशेषाधिकार के साथ-साथ चरित्र हनन का भी मामला करार देते हुए कहा कि वह इस घटना से बेहद आहत हैं और पीठ का संरक्षण चाहते हैं।
इस पर सपा, बसपा, और रालोद के सभी सदस्यों ने खड़े होकर इस मामले में आरोपी अधिकारी को सदन में बुलाकर कार्यवाही करने की मांग की।
शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने इस मामले में कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सदन के एक सम्मानित सदस्य को धमकी देने तथा अपमानित करने वाले अधिकारी को सदन के कठघरे में बुलाया जाए और सदन उसके लिये दण्ड निश्चित करे।
भाजपा सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने भी कहा कि सदन के सदस्य की अवमानना पूरे सदन की अवमानना है। इसके अलावा कई अन्य सदस्यों ने भी इस प्रकरण को गम्भीर बताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की।
नेता सदन उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि यह दुखद घटना है और इसमें दोषी के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होगी।
आरोपी अधिकारी को सदन के कठघरे में खड़ा करने के बारे में उन्होंने कहा कि सभापति जो भी निर्णय लेंगे, सरकार उसका पालन करेगी।
इस पर सभापति रमेश यादव ने कहा कि भोजनावकाश के दौरान सभी सदस्य मिल..बैठकर इस मामले पर चर्चा कर लें, जिन्होंने इस प्रकरण पर सदन में अपनी बात रखी है।
यह कहने पर कि सदन केवल 22 मई तक ही चलेगा, उससे पहले ही उस अधिकारी पर कार्रवाई हो जानी चाहिये, सभापति ने कहा, ‘‘ठीक है 22 को बुला लेंगे।’’