योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की थी जैविक खाद बनाने की पहल
लखनऊ। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गये स्वच्छता अभियान में अनुपयोगी सामग्री की खाद बनाने पर जोर दिया जा रहा है। पर योगी आदित्यनाथ के गोरक्षपीठ मठ इस काम की पहल पहले हीं शुरू की जा चुकी है। गोरखनाथ मंदिर में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाता है।
स्वच्छता मिशन के तहत विज्ञापन में बिग बी कम्पोस्ट का विज्ञापन कर रहे हैं जिसमें बेकार की सामग्री का उपयोग करके खाद बनाने की प्रेरणा दी जाती है। योगी आदित्यनाथ ढ़ाई साल से कम्पोस्ट का निर्माण कर रहे थे।
गोरक्षपीठ मठ की गौशाला में बोरों में भरकर जैविक खाद रखी है। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर के अंदर गौशाला में लगभग 400 गाय हैं जिनमें 50 बछड़े भी शामिल है। गायों के गोबर का सदुपयोग करते हुए ढ़ार्ई साल पहले गौशाला के पीछे एक खाद बनाने की इकाई बनाई गई।
जैविक खाद का निर्माण करने के लिए क्यारियों में गोबर को करीब 45 दिन तक रखा जाता है। जिसका इस्तेमाल मंदिर के खेतों, पौधों में किया जाता है और बची खाद को बेच दिया है। इस जैविक खाद की कीमत है 165 रू प्रति बोरी। दिलचस्प ये कि खेती के सीजन में करीब एक ट्रक जैविक खाद गोरखपुर के इस मठ से किसानों को बेंची जाती है।
गोरखनाथ मंदिर की खाद इकाई में काम करने वाले सुनील ने बताया है कि कृत्रिम खाद के आयात में देश हर साल करीब 70 हजार करोड़ खर्च करता है।