28 वर्षों बाद रामलला को मिला 21 किलो चांदी का झूला, राम भक्तो ने जताई ख़ुशी

अयोध्या। उत्तर प्रेदश के अयोध्या में 90 के दशक से टेंट में रह रहे रामलला को लगभग 28 वर्षों बाद अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया है। राम मंदिर ट्रस्ट ने संगीत मय झूलनोत्सव का आयोजन राम जन्मभूमि परिसर में किया है। रामलला को हर शाम कजरी और पद सुनाए जाते हैं। इससे पहले रामलला लकड़ी के साधारण झूलों पर विराजमान कराए जाते थे, लेकिन अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी के झूला भगवान रामलला को समर्पित किया हैं।
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा विवादित ढांचे में जब रामलला विराजमान थे। वहां पर संगीत का कार्यक्रम चलता था, लेकिन ढांचा गिरने के बाद वहां पर सब बंद हो गया। इस वर्ष ट्रस्ट ने चांदी का झूला बनाकर के रामलला को समर्पित किया है। इससे लोगों में बड़ा उत्साह हुआ। दास ने बताया कि रामलला के परिसर में झूलनोत्सव का आनंद लेते हुए भगवान रामलला को अब संगीत भी सुनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में हर वर्ष श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है। अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों से विग्रह मणि पर्वत तक पालकियों में गाजे बाजे के साथ जाते हैं और वहीं पर झूला झूलते हैं। मणि पर्वत वही जगह है जहां माता सीता झूला झूलने आया करती थीं, इसीलिए हर वर्ष श्रावण शुक्ल तृतीया को यहां बड़े महोत्सव का आयोजन होता है और यहां भगवान के विग्रह द्वारा झूला झूलने के साथ ही पूरे देश में झूलन महोत्सव शुरू हो जाता है। मणि पर्वत पर मंदिरों के विग्रह द्वारा झूला झूलने के बाद मंदिरों में झूले पड़ते हैं और भगवान को झूला झुलाया जाता है और उन्हें सावन के गीत सुनाए जाते हैं। इस बीच हर्षोल्लास का माहौल रहता है, जिसे देखने के लिए लाखों लोग अयोध्या आते हैं।