गाजा हिंसा पर सोनिया गांधी का हमला बोलीं- PM मोदी की चुप्पी राष्ट्रीय शर्म

Sonia Gandhi on Gaza violence
गाजा पर इजराइल के हमलों को लेकर सोनिया गांधी ने PM मोदी की चुप्पी को “नैतिक कायरता” बताया। कहा- भारत को अपने संवैधानिक मूल्यों के साथ फलस्तीन का समर्थन करना चाहिए।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने गाजा पर जारी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि गाजा में हो रहे इजराइल के हमलों पर मोदी सरकार की “शर्मनाक चुप्पी” बेहद निराशाजनक है और इसे नैतिक कायरता कहा जा सकता है। सोनिया गांधी ने यह विचार एक हिंदी दैनिक के लिए लिखे अपने लेख में व्यक्त किए।
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हमास और इजराइल की हिंसा पर सोनिया गांधी का बयान
सोनिया गांधी ने कहा कि अक्टूबर 2023 में इजराइल में हुए हमास के हमले किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराए जा सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्दोष नागरिकों पर हमला और बंधक बनाना पूरी तरह निंदनीय है। हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा कि इजराइल द्वारा गाजा के नागरिकों पर की जा रही प्रतिक्रिया और प्रतिशोध “उग्र और आपराधिक” है।
दो वर्षों में 55,000 फलस्तीनी मारे गए
सोनिया गांधी ने अपने लेख में दावा किया कि पिछले दो वर्षों में गाजा में 55,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 17,000 बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि फ्रांस ने फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दी है और ब्रिटेन व कनाडा ने इजराइली नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में भारत का चुप रहना “राष्ट्रीय शर्म” है।
भारत की ऐतिहासिक भूमिका का हवाला
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से वैश्विक न्याय का प्रतीक रहा है और उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद और रंगभेद के खिलाफ खड़ा रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1974 में भारत पहला गैर-अरब देश था जिसने फलस्तीन मुक्ति संगठन (PLO) को मान्यता दी थी। साथ ही, 1988 में भारत ने फलस्तीन को आधिकारिक मान्यता प्रदान की।
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मोदी सरकार पर सीधा हमला
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को “राष्ट्रीय विवेक पर कलंक” बताते हुए कहा कि भारत को अपने संवैधानिक मूल्यों का पालन करते हुए दो-राष्ट्र समाधान और न्यायपूर्ण शांति का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरा ग्लोबल साउथ भारत की आवाज का इंतजार कर रहा है।