साध्वी प्रज्ञा, RSS नेता इंद्रेश के खिलाफ सुबूत नहीं- NIA

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अजमेर दरगाह पर वर्ष २००७ में हुए बम धमाके के मामले में फिर से आरएसएस कार्यकर्ता इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी है। एनआईए ने इस मामले की जांच से जुड़ी अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि इन दोनों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। ऐसे में इनके खिलाफ जांच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है।

इससे पहले इस बम विस्फोट के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी पाए गए भवेश पटेल और आरएसएस के नेता देवेंद्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इसके साथ ही पटेल पर 10000 रु तथा गुप्ता पर 5000 रु का जुर्माना भी लगाया था। गौरतलब है कि अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में ११ अक्टूबर २००७ को प्रेशर कूकर बम से ब्लास्ट हुआ था, जिसमें ३ जायरीनों की मौत हो गई थी, जबकि १५ जायरीन घायल हुए थे।

विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान लावारिस बैग मिला था, जिसमें टाइमर लगा जिंदा बम मिला था। इसके बाद इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी। एनआईए ने अपनी जांच में कुल १३ लोगों को धमाके का दोषी पाया था।

इस ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल आरोपी थे। एक आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। वहीं आरोपियों में से संदीप डांगे और रामचंद कलसारा अभी तक गायब हैं।

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