PMAY- देशभर में गरीबों के लिये 32.14 लाख मकान बनकर तैयार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY–G) में वर्ष २०१६-१७ के लिए कुल ४४ लाख मकानों को स्वीकृति मिली थी, जिसे ६ से १२ महीने के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं ग्रामीण विकास मंत्रालय पूरा प्रयास कर रहा है कि इन्हें दिसंबर, २०१७ तक पूरा कर लिया जाए।
राज्यों से मिली रिपोर्टों के अनुसार २०१६-१७ में कुल ३२.१४ लाख मकानों का निर्माण किया जा चुका है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और असम ने पीएमएवाई-जी के कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई है। बिहार, पश्चिम बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, झारखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र में इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत अधूरे मकानों को बड़े पैमाने पर पूरा कर लिया है।
ग्रामीण विकास विभाग की योजना है कि २०१७-१८ में ५१ लाख मकानों को पूरा कर लिया जाए। अतिरिक्त ३३ लाख मकानों को २०१७-१८ के लिए जल्द मंजूरी दे दी जाएगी। इसी संख्या में वर्ष २०१८-१९ में मकानों को पूरा करने का प्रस्ताव किया गया है। इस तरह २०१६-१९ की अवधि के दौरान १.३५ करोड़ मकानों को पूरा कर लिया जाएगा। इस तरह २०२२ तक सब के लिए आवास का मार्ग प्रशस्त होगा।
क्या है योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने २० नवंबर, २०१६ को प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY–G) की शुरूआत की थी। नया ग्रामीण आवासीय कार्यक्रम घरों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने की दृष्टि से बनाया गया है। घरों में रसोईघर, शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन और जलापूर्ति की सुविधा होगी तथा लाभार्थी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार घरों की योजना बना सकेंगे।
ग्रामीण राजगीरों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू कर दिया है, ताकि बेहतर निर्माण के लिए आवश्यक कौशल उपलब्ध हो सके। लाभार्थियों के चयन के लिए कठोर प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें सामाजिक-आर्थिक जनगणना (एसईसीसी) आंकड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये आंकड़े बे-घरबार लोगों या कच्ची छत वाले ०, १, २ कच्चे कमरों पर आधारित हैं। एसईसीसी आंकड़ों को ग्राम सभा द्वारा मान्यता प्राप्त है, ताकि किसी प्रकार की गलती न हो।