Loksabha: बेहतर सैलरी के चलते ‎विदेशों में बस रहे भारतीय, लोकसभा में दी जानकारी

14 मार्च को लोकसभा में पेश किए गए दस्तावेज़ में कहा गया है साल 2022 में इमिग्रेशन एक्ट, 1983 के तहत 3,73,434 भारतीयों का इमिग्रेशन क्लियरेंस जारी किया गया, जिनमें से 10,654 लोग पंजाब से थे।

New Delhi: भले ही भारत लगातार तरक्की कर रहा है, लेकिन अभी बड़ी संख्या में भारतीय दूसरे देशों में अपने अच्छे भविष्य की तलाश में जा रहे हैं। ले‎किन ताज्जुब तो इस बात का है ‎कि वे वहीं बस जा रहे हैं। इसकी वजह बेहतर सैलरी व आधु‎निक सुख- सु‎‎विधाओं की उपलब्धता है। हालां‎कि विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले विद्यार्थियों के साथ ही नौकरी के लिए विदेश जाने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। लाखों की संख्या में भारतीय देश छोड़कर विदेशों का रुख कर रहे हैं।

14 मार्च को लोकसभा में पेश किए गए दस्तावेज़ में कहा गया है साल 2022 में इमिग्रेशन एक्ट, 1983 के तहत 3,73,434 भारतीयों का इमिग्रेशन क्लियरेंस जारी किया गया, जिनमें से 10,654 लोग पंजाब से थे। भारत में अच्छी नौकरी के साथ ही तनख्वाह की भी समस्या लोगों के सामने खड़ी हो जाती है।

युवाओं को अपनी काबिलियत के हिसाब उनकी सैलरी कम लगती है। लोगों उतनें पैसे नहीं मिल पाते जिससे अच्छी तरीके से गुजारा हो सके। जिसके चलते लोग विदेशों का रुख करने लगते हैं। ज्यादातर भारतीय बेहतर सैलरी के लिए विदेशों में जाते हैं। लोगों का मानना है कि विदेशों में भारत की तुलना में काम करने का माहौल अच्छा है और जितना आप काम करते हैं उस हिसाब से पैसे भी अच्छे मिलते हैं इसलिए वह भारत वापस नहीं जाना चाहते।

दुनिया में सबसे अधिक एवरेज मंथली नेट सैलरी स्विट्जरलैंड में है। यहां औसत मासिक शुद्ध सैलरी 6,096 डॉलर (4,98,652 रुपये) है। सिंगापुर में औसत मंथली नेट सैलरी 4989 डॉलर (4,08,100 रुपये) है। यूएसए की बात करें, तो यहां मंथली सैलरी 4245 डॉलर (3,47,241) रुपये है। लाखों भारतीयों की ख्वाहिश अमेरिका जाने की होती है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है, वहां जरूरत की सभी सुविधाओं का उपलब्ध होना।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 46 लाख से अधिक इंडियन अमेरिका में रहते हैं। दूसरे नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात है, जहां भारत के 31.5 लाख लोग रहते हैं। तीसरे नंबर पर है मलेशिया, जहां लगभग 30 लाख इंडियन रहते हैं। इमिग्रेशन एक्ट, 1983, भारत के नागरिकों को विदेशों में रोजगार करने का अवसर प्रदान करता है।

इस कानून के तहत 18 देशों में भारतीय को रोजगार के लिए इमिग्रेशन क्लियरेंस जारी किया जाता है। यह देश हैं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, इंडोनेशिया कतर, ओमान, कुवैत, बहरीन, मलेशिया, लीबिया, जॉर्डन, यमन, सूडान, दक्षिण सुडान, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, सीरिया, लेबनान और थाईलैंड आ‎दि हैं।