2024 तक भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के मुकाबले का होगा: मंत्री गडकरी

India aims to reduce road accidents by 50 percent before 2025

देश में 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे
मुंबई।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर 2024 तक अमेरिका के मुकाबले का होगा। गडकरी ने कहा, उनके मंत्रालय ने पिछले 8 सालों में सरकारी सहायता और आउटसोर्स किए गए फंड, दोनों को मिलाकर 50 लाख करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाओं का काम पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस साल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1,80,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गडकरी ने कहा, पूरे भारत में सबसे कम दूरी को कवर करते हुए 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे।

गडकरी ने कहा, दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय घटकर 40 मिनट का रह गया है। इसी तरह दिल्ली और हरिद्वार के बीच 2 घंटे, दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच 2 घंटे 15 मिनट, दिल्ली और अमृतसर के बीच यात्रा का समय 4 घंटे रह गया है। बहुत जल्द दिल्ली और कटरा के बीच यात्रा का समय घटाकर 6 घंटे, दिल्ली और श्रीनगर के बीच 8 घंटे और दिल्ली और मुंबई के बीच 12 घंटे कर दिया जाएगा। इसी तरह, चेन्नई और बेंगलुरु के बीच यात्रा का समय 1.5 से 2 घंटे कम होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, उनका मंत्रालय देश में 2.5 लाख करोड़ रुपये की लागत से 285 किलोमीटर लंबी सुरंगों का निर्माण करेगा। इसमें 14.2 किलोमीटर लंबी जोजी ला सुरंग भी शामिल , जो सोनमर्ग को कारगिल से जोड़ने वाली एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। ऑटोमोबाइल के मोर्चे पर बात कर गडकरी ने वादा किया कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया का नंबर वन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा।

उन्होंने कहा, भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का कारोबार अब 6.5 लाख करोड़ रुपये है, और यह अगले 5 सालों में बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। यह इंडस्ट्री केंद्र और राज्यों को अनुपात के हिसाब से जीएसटी में सबसे बड़ा योगदान देता है, साथ ही 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। अगले कुछ सालों में इस उद्योग में 2 करोड़ और नौकरियां दी जाएगी।

जनरल मोटर्स और फोर्ड के भारत में कामकाज बंद करने पर गडकरी ने कहा कि भारतीय ऑटो कंपनियां बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, चार पहिया और दोपहिया वाहनों की बिक्री में तीन से चार गुना की तेजी से वृद्धि हुई है। यह सब व्यापार का हिस्सा है। बजाज, होंडा और टीवीएस अपने दोपहिया वाहनों का करीब 50 फीसदी विदेशों को निर्यात कर रहे हैं।