Samagam News: 100 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते-समझते हैं, इसलिए हिंदी राष्ट्र ही नहीं अब अंतरराष्ट्रीय भाषा है

कवि सोम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुए समागम में दिग्गज पत्रकार दीपक चौरसिया, राजेश बादल, अभिषेक मेहरोत्रा एवं अन्य विशिष्ट वक्ताओं ने दिया हिंदी को आत्मसात करने का सन्देश

समागम चर्चा

समागम चर्चा

Agra Hindi News : आने वाला समय भारत का है. पूरी दुनिया अब हिंदी की ओर देख रही है. उन्हें हिंदी में अब अवसर दिखने लगे हैं. 100 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते और समझते हैं, इसलिए हिंदी राष्ट्र ही नहीं अब अंतरराष्ट्रीय भाषा है. कुछ ऐसे ही विचार हिंदी को राष्ट्र भाषा का स्थान दिलाने के लिए आजीवन प्रयासरत रहे भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की जयंती के अवसर इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘वन्दे हिंदी समागम’ के दौरान वक्ताओं के उद्धबोधन में सामने आए. संस्कृति भवन में आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कवि प्रो. सोम ठाकुर, भारतीय वायुसेना महिला कल्याण एसोसिएशन पूर्व अध्यक्षा आशा भदौरिया, पूर्व भारतीय वायु सेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया, इनक्रेडिबल इंडिया फाउण्डेशन चेयरमैन पूरन डावर, आयोजन समिति चेयरमैन स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, रोमसंस ग्रुप के एमडी किशोर खन्ना, राज्यसभा टीवी के संस्थापक संपादक राजेश बादल, टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया एवं विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. अजय तनेजा ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के संपादक अभिषेक मेहरोत्रा ने कहा कि आज हिंदी की ताकत इससे लगाई जा सकती है कि आज हिंदी के संपादकों का वेतन अंग्रेजी एडिटर्स से कम नहीं है.

साल 2050 में हिंदी होगी विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा
भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की जयंती पर इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय पुरातन छात्र परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘वन्दे हिंदी समागम’ में तीन सत्रों में वक्ताओं ने अपनी बात रखी. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कवि प्रो. सोम ठाकुर ने अपनी अध्यक्षीय संबोधन में अपने हिंदी प्रेम से ओतप्रोत कविता सुनाते हुए राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन से जुड़ी अपनी स्मृतियाँ लोगों के बीच साझा कीं. समागम की विशिष्ट अतिथि भारतीय वायुसेना महिला कल्याण एसोसिएशन पूर्व अध्यक्षा आशा भदौरिया ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए आयोजन को हिंदी भाषा के उत्थान में एक सराहनीय पहल बताया. उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रति मेरा प्रेम ही है कि इस समागम में मैं आज आपके बीच हूँ.

कुछ इस तरह हिंदी पर आये वक्ताओं के विचार…

हिंदी दुनिया की सबसे बेहतर भाषा
मुझे गर्व होता है, जब मैं अपने कारोबारी मित्रों से हिंदी में बात करता हूं. उन्होंने हिंदी को दुनिया की सबसे बेहतर भाषा बताते हुए कहा कि इसमें भाव को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त किया जा सकता है.
-पूरन डावर, चेयरमैन, इनक्रेडिबल इंडिया फाउण्डेशन

आजादी को बचाए रखने का माध्यम है हिंदी
आजादी को बचाए रखने का माध्यम हिंदी है. मैं आज ये बात गर्व से कह सकता हूं कि 100 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते और समझते हैं, इसलिए हिंदी राष्ट्र ही नहीं अब अंतरराष्ट्रीय भाषा है.
राजेश बादल, संस्थापक संपादक, राज्यसभा टीवी

हिंदी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा
आज हिंदी का मनोरंजन जगत में बोलबाला है, नाम सुनके फ्लावर समझे क्या, फ्लावर नहीं फायर है अपुन जैसे डायलॉग को मिली लोकप्रियता इसका बड़ा उदाहरण हैं. हिंदी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है.
-दीपक चौरसिया, वरिष्ठ टीवी पत्रकार

हिंदी की ताकत बच्चों को बतानी होगी
शिक्षा के स्तर में सुधार के साथ ही बच्चों को हिंदी की ताकत बतानी होगी. आज भी बच्चे स्त्रीलिंग-पुलिंग के चक्कर में फंसे रहते हैं. उन्हें पता ही नहीं होता है कि बस आती है या आता है, चम्मच छोटा है या छोटी?
अभिषेक मेहरोत्रा, संपादक, बिजनेस वर्ल्ड हिंदी