Electoral Bonds: 5 साल में पार्टियों को मिला 9,208.23 करोड़ चंदा, जानिए किसको कितनी मिली फंडिंग

5 सालों में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतक दलों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया

Electoral Bond on Political Party: सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) या चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को लेकर सुनवाई हो रही है. यह मामला 8 साल से कोर्ट में चल रहा है. योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं में चंदा देने वाले की पहचान गुप्त रखने को लेकर सवाल उठाए हैं. याचिकाकर्ताओं की चिंता है कि इस तरह कालेधन को बढ़ावा मिल सकता है. योजना को लेकर आरोप है कि इसे बड़े कारोबारियों को उनकी पहचान बताए बिना पैसे दान करने में मदद करने के लिए बनाया गया था.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पांच सदस्य बेंच ने 1 नवंबर, 2023 को सुनवाई की. इस दौरान, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि ऐसा क्यों है कि जो पार्टी सत्ता में है, उसे ज्यादा चंदा मिलता है? इस पर सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि चंदा देने वाला हमेशा किसी पार्टी की मौजूदा हैसियत से चंदा देता है. आइए जानते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 5 सालों में किस पार्टी को कितना चंदा मिला-

BJP को 57 फीसदी मिले
द इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग के अनुसार, 5 सालों में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतक दलों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया, इसमें से आधे से ज्यादा राशि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी को मिली, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 952.29 करोड़ मिले. यह डेटा 2017-2018 और 2021-2022 तक का है. 2017-2018 और 2021-2022 के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के कुल 9,208.23 करोड़ की कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री हुई है. जिसमे भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड से कुल 5,271.97 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली. वहीं, कांग्रेस को 952.9 करोड़ चंदा मिला है.

छोटी पार्टियों ने की अच्छी फंडिंग
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) को 767.88, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) को 622 करोड़ और तमिनलाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन की द्रविड मुनेत्र काषगम (DMK) को 431.50 करोड़ की फंडिंग हुई है. वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को 48.83 करोड़ रुपए मिले और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 24.40 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले हैं. इसके अलावा, शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) को 51.5 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है.

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