सीएम अमरिंदर को मनीष ने याद दिलाया 2010 का किस्सा

Punjab CM Amrinder Singh

चंडीगढ़। ईवीएम से छेड़छाड़ मुद्दे पर कांग्रेस के नेता आपस में ही भिड़ते नजर आ रहे हैं। अमरिंदर जहां चुनाव आयोग की वकालत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर सवाल उठा दिया है। मनीष तिवारी ने अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते हुए उन्हें याद दिलाया कि किस तरह से उन्होंने २०१० और २०११ में बतौर पंजाब कांग्रेस समिति अध्यक्ष यह दिखाया था कि कैसे ईवीएम से छेड़छाड़ किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जब २०१० और २०११ में अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस समिति के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ईवीएम से कैसे गोलमाल किया जा सकता, इसका प्रदर्शन किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने को कहा था कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वह सत्ता में नहीं होते।

उनका यह रुख कांग्रेस के रुख के विपरीत है जिसका कहना है कि मशीन से छेड़छाड़ संभव है। उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो मैं यहां नहीं बैठा होता। यहां अकाली होते। पूर्व कानून मंत्री वीरप्पपा मोईली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं जबकि कांग्रेस का आरोप है कि मशीन से छेड़छाड़ हुई है।

कांग्रेस ने मांग की है कि ईवीएम की जगह पुराने मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाए। पंजाब में विधानसभा की ११७ सीटों में से ७७ पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर एक दशक से सत्ता में काबिज अकाली। भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया। कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर आरोप लगा रही है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई जिससे उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में सहयोग मिला।

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