पदार्थ के प्रति मोह दरिद्रता है रामानुज जी

IMG-20210225-WA0012

मेघनगर, मानव जीवन में आदमी का विवेक मर गया है जीवन में सफलता के लिए संघर्ष चाहिए मानव जीवन में पदार्थ के प्रति मोह दरिद्रता है उक्त प्रेरणादायी उदगार सिद्ध पीठ पिपलखुटा में चल रही रामकथा में पांचवे दिन धर्माअनुरागी यों को संबोधित करते हुए व्यासपीठ से आचार्य रामानुज जी ने व्यक्त किए राम कथा के दौरान उन्होंने धर्माअनुरागी सेआह्वान करते हूवे अहंकार पर प्रहार करते हुए इसे पतन का मार्ग निरूपित करते हुए अहंकार से बचने की बात कही राम जन्म से वन गमन तक जिस राम का जीवन संघर्ष मय रहा हो उनकी व्याख्या करते हुए राम जीवन से सीख लेने की बात कही परिवार में विवादों के संदर्भ में आचार्य ने पाश्चात्य कल्चर को जिम्मेदार ठहराया उन्होंने राम कथा पंक्ति के अंतिम व्यक्ति वनवासी के घर करने की बात कही कथा प्रारंभ के पूर्व पोथी पूजन घनश्याम अग्रवाल व नाथूलाल अग्रवाल ने किया स्वागत सिद्ध पीठ के महंत दयाराम दास जी ने किया|

About The Author