IVF क्या है? प्रक्रिया, सफलता दर और जेनेटिक टेस्टिंग की पूरी जानकारी

IVF treatment

IVF treatment

जानिए IVF प्रक्रिया, इसकी सफलता दर, और भ्रूण चयन में जेनेटिक टेस्टिंग (PGT) की भूमिका। जानिए कैसे IVF संतान की उम्मीद बन रहा है।

IVF क्या है? जानिए इनफर्टिलिटी का सबसे प्रभावी इलाज
IVF (In-Vitro Fertilization) एक ऐसी अत्याधुनिक प्रजनन तकनीक है, जो उन दंपतियों के लिए आशा की किरण बन चुकी है, जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं। जब महिला या पुरुष की फर्टिलिटी में कोई शारीरिक बाधा होती है, तो IVF उपचार उन्हें माता-पिता बनने का अवसर प्रदान करता है। आज के समय में लाखों कपल्स ने IVF ट्रीटमेंट के ज़रिए संतान का सुख प्राप्त किया है।

IVF कैसे होता है? IVF प्रक्रिया की पूरी जानकारी
IVF प्रक्रिया (IVF Treatment Process) कई चरणों में होती है:

हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं ताकि महिला के अंडाशय में एक साथ कई अंडे विकसित हो सकें।

एक माइनर सर्जरी के ज़रिए अंडों को निकाला जाता है।

इन अंडों को पुरुष के शुक्राणु (Sperm) के साथ लैब में मिलाया जाता है।

जब अंडा और स्पर्म मिलते हैं, तो भ्रूण (Embryo) बनता है।

श्रेष्ठ भ्रूण का चयन कर उसे महिला के गर्भाशय (Uterus) में प्रत्यारोपित किया जाता है।

IVF की सफलता दर | क्या IVF से गर्भधारण संभव है?
IVF की सफलता दर कई कारकों पर निर्भर करती है:

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महिला की उम्र

अंडाणु व भ्रूण की गुणवत्ता

पुरुष की स्पर्म काउंट और गतिशीलता

मेडिकल हिस्ट्री और जीवनशैली

आमतौर पर 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में IVF की सफलता दर अधिक होती है। आधुनिक तकनीकों की सहायता से अब भ्रूण को फ्रीज़ (Embryo Freezing) कर भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।

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जेनेटिक टेस्टिंग क्या है? IVF में जेनेटिक बीमारियों की जांच
भारत में लाखों लोग जेनेटिक बीमारियों से प्रभावित हैं, जैसे:

थैलेसीमिया

सिकल सेल एनीमिया

डाउन सिंड्रोम

फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम

अब IVF में प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (PGT) की मदद से इन बीमारियों की पहचान संभव हो गई है। इसके मुख्य प्रकार हैं:

PGT-M: एकल जीन से संबंधित बीमारियों की पहचान करता है।

PGT-A: भ्रूण के क्रोमोसोम की संख्या की जांच करता है।

PGT-SR: क्रोमोसोमल संरचना की गड़बड़ियों को दर्शाता है।

ये टेस्ट भ्रूण की ब्लास्टोसिस्ट स्टेज पर किए जाते हैं, जिससे स्वस्थ भ्रूण का चयन कर गर्भधारण की संभावना बढ़ाई जा सकती है।

प्रजनन चिकित्सा में नई तकनीकें AI से IVF और सटीक
आज की प्रजनन चिकित्सा में Artificial Intelligence (AI) और टाइम-लैप्स इमेजिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग हो रहा है:

AI की मदद से सबसे स्वस्थ भ्रूण का चयन संभव है।

टाइम-लैप्स कैमरा से भ्रूण की निरंतर निगरानी होती है।

भविष्य में Non-invasive Genetic Testing के ज़रिए बिना बायोप्सी के भी जेनेटिक जानकारी मिल सकेगी।

निष्कर्ष: IVF से जुड़ी उम्मीदें और नई शुरुआत
IVF ट्रीटमेंट अब सिर्फ एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि उन कपल्स के लिए एक भावनात्मक और मानसिक सहारा बन चुका है जो वर्षों से संतान की उम्मीद में जी रहे थे। यह उपचार सिर्फ जीवन नहीं बदलता, बल्कि आशा, हिम्मत और परिवार की पूर्णता की भावना को भी सशक्त बनाता है।

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