बिहार वोटर लिस्ट विवाद 2025: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को चेताया, नाम कटे तो होगी दखलअंदाजी

Bihar voter list controversy 2025

Bihar voter list controversy 2025

बिहार वोटर लिस्ट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सख्त चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि अगर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए तो हस्तक्षेप किया जाएगा। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 1 अगस्त को जारी होगी और अंतिम सूची 15 सितंबर तक प्रकाशित की जाएगी।

बिहार वोटर लिस्ट विवाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दी चेतावनी, नाम काटे गए तो होगा हस्तक्षेप
बिहार में मतदाता सूची के सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए तो अदालत इसमें दखल देगी। अदालत ने साफ कहा कि हर पात्र नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में होना चाहिए और किसी भी तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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अगस्त को जारी होगी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर कड़ी नजर रखें। जिन मतदाताओं के नाम छूट जाएंगे, उनकी सूची बनाकर अदालत को सूचित करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि मतदाता सूची में सुधार और नाम जोड़ने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। अगर इतने समय में यह सामने आता है कि बड़े पैमाने पर लोगों के नाम हटाए गए हैं, तो अदालत तुरंत हस्तक्षेप करेगी।

जस्टिस जॉयमाल्या बागची की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा कि आशंका है करीब 65 लाख लोगों के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “यदि इतने बड़े पैमाने पर नाम काटे गए तो अदालत हस्तक्षेप करने में देर नहीं करेगी। जीवित और पात्र लोगों का नाम हर हाल में सूची में रहना चाहिए।”

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प्रशांत भूषण का आरोप
एडीआर की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि 65 लाख मतदाताओं ने फार्म नहीं भरा, जिसके कारण उनके नाम सूची से हटा दिए गए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निगरानी करने और किसी भी गड़बड़ी की जानकारी अदालत को तुरंत देने का निर्देश दिया।

चुनाव आयोग की सफाई
चुनाव आयोग की ओर से वकील राकेश द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि अभी केवल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी हुई है। इसमें उन्हीं नामों को हटाया गया है जो या तो मृत हैं या स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम सूची 15 सितंबर 2025 के आसपास जारी होगी और तब तक किसी को भी आपत्ति दर्ज कराने का पूरा मौका रहेगा।

अगली सुनवाई 12–13 अगस्त को
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ड्राफ्ट लिस्ट की निगरानी करें और 12–13 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में सबूतों के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अदालत ने दोहराया कि गलत तरीके से नाम काटने पर चुनाव आयोग के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाएगा।

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