बिना जवाब दिए चल गए सिसोदिया
नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा लिए फैसलों की फाइलें जांचने के लिए गत वर्ष गठित शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट अब सार्वजनिक हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत यह रिपोर्ट हासिल की है। रिपोर्ट आने के बाद से ही आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। क्योंकि इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
आम आदमी पार्टी के दफ्तर से लेकर अपने करीबी लोगों को नौकरी देने, दिल्ली सरकार ने बिना उपराज्यपाल की अनुमति के यह सब चीजें की हैं। कांग्रेस व भाजपा दोनों ने ही शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ मुख्य हथियार बनाते हुए विरोध की रणनीति तैयार कर ली। दिल्ली सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं ने दिनभर इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर मीडिया उनसे इस बारे में बात करने पहुंची। काफी इंतजार के बाद मनीष सिसोदिया अपने घर से बाहर आए, और जब उनसे शुंगलू रिपोर्ट पर सवाल किया तो वो बिना कुछ बोले ही निकल गए। दिल्ली सचिवालय का भी नजारा कुछ ऐसा ही रहा।
पार्टी से जुड़े पुराने कार्यकर्ता जो वर्तमान में सरकार के कामकाज में सहयोग के लिए विभिन्न पदों पर बैठे हुए हैं, उन्होंने पार्टी के नेताओं की तरह दबी जुबान में कहा कि रिपोर्ट सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए सार्वजनिक की गई है। हालांकि आप के प्रदेश संयोजक दिलीप पांडेय और प्रवक्ता आशुतोष ने अब तक सफाई दी।