2023 तक दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियां होगी वैध
नई दिल्ली। संसद से दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। 2014 तक की सभी अनधिकृत कालोनियां 2023 तक वैध हो जाएंगी। राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने उच्च सदन में विधेयक पेश किया था। इस पर चर्चा के बाद मुहर लग गई। विधेयक पारित होने के बाद दिल्ली में 2014 तक किए अनधिकृत निर्माणों को वैध करना आसान होगा। बिल पर चर्चा के दौरान पुरी ने कहा, मोदी सरकार हर सिर पर छत के सपने को साकार करने की ओर लगातार काम कर रही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 दिसंबर 2020 को ही इस संदर्भ में अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
पुरी ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विशेष प्रावधान अधिनियम 2011 में पारित हुआ था और यह 30 दिसंबर 2020 तक ही वैध था। अब दूसरे संशोधन के बाद इसकी समय सीमा 2023 तक बढ़ गई है। इस संशोधन के बाद 2002 तक बनी सभी अनधिकृत कालोनियों को नियमित किया जा सकेगा।
इसके अलावा इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनधिकृत कालोनियों में रहने वालों की संपत्तियों के अधिकारों की पहचान) नियमितीकरण 2019 की मदद से कालोनियों में मकान मालिकों की पहचान की जा सकेगी।
इतना ही नहीं, जून 2014 तक कटी अनधिकृत कालोनियों और जनवरी 2015 तक 50 फीसदी बसावट वाली कालोनियों को भी वैधता का जामा पहनाने में आसानी होगी। इन्हें नियमित किया जा सकेगा।
पुरी ने कहा, इस विधेयक के साथ ही 2023 तक दिल्ली की अवैध कालोनियों में बसे 1.35 करोड़ लोगों को घर के स्वामित्व का अधिकार मिलेगा। जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि न सिर्फ दिल्ली के 1.35 करोड़ लोगों की जीवन शैली सुधरेगी, बल्कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण से दिल्ली दुनिया के शानदार शहरों में से एक बनेगा।