कोरोना के संक्रमण से उबारेंगे बुध और चंद्र !

Country's first corona patient again infected, got tested before returning to Delhi for studies
नई दिल्ली। सारी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर परेशान है। भारत ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कोरोना वायरस महामारी का संकट शनि और सूर्य के मिलने से आया है। कोरोना वायरस का यह संकट बुध और चंद्र के एक साथ आने पर ही खत्म होगा। 14 अप्रैल के बाद कोरोनावायरस की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी उल्लेखनीय है।
14 अप्रैल तक भारत में लॉक डाउन घोषित किया है। ऋषिकेश हिंदू पंचांग में पेज 3 पर उल्लेख है। संवत 2076 के दौरान किसी विषाणु जनित महामारी का संकट आएगा। भारत में प्रकाशित होने वाले लगभग सभी पंचांग में इसका उल्लेख है।
ज्योतिषी रामचंद्र झा का कहना है 26 नवंबर से दिसंबर 2019 तक षडग्रह योग बना था, जो अनिष्टकारी था। मार्च माह में 5 शनिवार होने के कारण यह दोषकारक था। यह स्थिति 15 मार्च से 15 अप्रैल तक बनी रहेगी। 16 फरवरी को शनि का राशि परिवर्तन हुआ। शनि, धनु से मकर राशि में आ गए हैं। 17 मार्च को बृहस्पति मकर राशि में आ गए हैं। इस तरह राहु केतु का सहयोग और दृष्टि जो धनु राशि में थी। इससे दोनों ग्रह आगे बढ़ गए हैं। मंगल इस वर्ष का मंत्री है।
मंगल की राशि परिवर्तित 26 मार्च से होगी इसके बाद स्थिति अनुकूल होने लगेगी। 26 मार्च के बाद कोरोना का असर कम होना शुरु होगा। आचार्य त्रिपाठी के अनुसार नया संवत 2077 बुधवार से शुरू हुआ है। इस संवत्सर का राजा बुध है। चंद्र इस के मंत्री हैं। 14 अप्रैल 2020 को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही इस महामारी की तीव्रता कम होने लगेगी मैथिली पंचांग में 2020 के भविष्यफल में इस प्रकार के दुखों की भविष्यवाणी पहले ही की गई थी। वैशाख माह में इसकी तीव्रता में कमी आने की भविष्यवाणी भी की गई थी।
ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद का कहना है की शुक्र मेष राशि से निकलकर 30 मार्च को धनु राशि करेगा। केतु का साथ छोड़ देगा। इस तरह 31 मार्च से कोरोना महामारी का प्रभाव खत्म होना शुरू हो जाएगा। 4 मई को मंगल सूर्य बुध शुक्र केतु शनी की पकड़ से बहुत दूर हो जाएंगे। इसका असर भारत में कोरोनावायरस की समाप्ति के रूप में होगा।