कोरोना से भारतीय अर्थव्यवस्था को करीब 8 लाख करोड़ रु का नुकसान

नई दिल्ली। देश में कोरोना से जंग के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को आगे बढ़ाकर 3 मई तक करने का ऐलान किया है। वैसे यह लॉकडाउन भारत की इकोनॉमी के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है। पहले चरण के लॉकडाउन से ही इकोनॉमी को करीब 8 लाख करोड़ रु का नुकसान हो चुका है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। यह उस दिन आधी रात यानी 25 मार्च से लागू हो गया था, जिसकी अवधि मंगलवार यानी आज 14 अप्रैल को खत्म हो रही है। उम्मीद है कि आज प्रधानमंत्री दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान कर सकते हैं।

दुनिया के इस सबसे बड़े लॉकडाउन से देश की इकोनॉमी को 7-8 लाख करोड़ रु का झटका लगने का अनुमान है। उन के दौरान अधिकतर कंपनियां, उद्योग-धंधे बंद रहे, उड़ान सेवाएं निलंबित रहीं और ट्रेनों के पहिए थमे रहे। वहीं, लोगों और वाहनों की आवाजाही भी बंद रही है। इस लॉकडाउन की वजह से भारत की 70 फीसदी आर्थिक गतिविधियां थम गईं।

लॉकडाउन के दौरान केवल जरूरी सामान एवं कृषि, खनन, यूटिलिटी सेवाओं और कुछ वित्तीय एवं आइटी सेवाओं को चलाने की ही इजाजत दी थी। भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्त थी और ऐसे में आई कोरोना महामारी ने इसे बिल्कुल पस्त कर दिया है। इस वजह से तमाम देसी-विदेशी रेटिंग एजेंसियों ने इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 1.5 से 2.5 फीसदी के काफी निचले स्तर किया है।