मरीज से दुष्कर्म का आरोपी डॉक्टर कोर्ट से बरी

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Those challenging the promotion of Justice Dipak Misra will have to pay a fine of 5 lakhs

नई दिल्ली। पीड़िता की एक गलती ने उसे न्याय से दूर कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी डॉक्टर को बरी कर दिया। दरअसल दिल्ली की एक अदालत ने मरीज से दुष्कर्म करने के आरोपी डॉक्टर को बरी कर दिया क्योंकि इस मामले की एफआईआर दर्ज कराने में 20 घंटे देरी हो गई। साथ ही अदालत में अभियोजन पक्ष का कोई गवाह भी पेश नहीं हुआ, जिससे पीड़िता का बयान साबित नहीं हो पाया।

अदालत ने केस का फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता का आरोप है कि यह घटना चार दिसंबर, 2012 को हुई थी लेकिन इसकी शिकायत 20 घंटे बाद दर्ज कराने का कोई ‘स्पष्टीकरण’ नहीं था। अदालत ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के कपड़ों पर मिले वीर्य के निशान का आरोपी के डीएनए से मिलान नहीं हुआ।

इसके अलावा अदालत ने पीड़िता का यह दावा भी संदिग्ध पाया कि नशीला पदार्थ देकर उसके साथ बलात्कार हुआ क्योंकि फारेंसिक जांच के लिए भेजे गए सिरिंज और इंजेक्शन में कोई नशीला पदार्थ नहीं मिला।

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