UIDAI की सख्ती: मृतकों के आधार के दुरुपयोग पर लगेगा ब्रेक, अब तक 1.17 करोड़ आधार नंबर किए गए निष्क्रिय

UIDAI New Service
UIDAI ने बताया कि वह भारत के महापंजीयक (Registrar General of India) और Civic Registration System (CRS)
नई दिल्ली – भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने मृतक व्यक्तियों के आधार नंबरों के दुरुपयोग को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब तक देशभर में 1.17 करोड़ से अधिक मृतकों के आधार नंबर को निष्क्रिय किया जा चुका है। यह कार्रवाई UIDAI द्वारा “माय आधार पोर्टल” पर शुरू की गई नई सेवा के अंतर्गत की जा रही है, जिससे परिजन अपने मृतक सदस्य की जानकारी दे सकें।
मृतक आधार निष्क्रिय करने की प्रक्रिया क्या है?
UIDAI ने बताया कि वह भारत के महापंजीयक (Registrar General of India) और Civic Registration System (CRS) से प्राप्त मृत्यु प्रमाणित डेटा के आधार पर मृतकों के आधार नंबरों को निष्क्रिय कर रहा है।
अब तक:
बंगालियों के सम्मान में सड़कों पर ममता, ‘अवैध प्रवासी’ ठहराए जाने का किया विरोध
1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त हुए
उनमें से 1.17 करोड़ आधार संख्या निष्क्रिय कर दी गईं
शेष राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 6.7 लाख रिकॉर्ड पर काम जारी
‘माय आधार पोर्टल’ से करें ऑनलाइन सूचना
UIDAI ने ‘My Aadhaar Portal’ पर एक नई सुविधा शुरू की है, जिससे कोई भी नागरिक परिवार के मृत सदस्य की मृत्यु की सूचना ऑनलाइन दे सकता है।
इसमें उपयोगकर्ता को देने होंगे:
मृतक का आधार नंबर
मृत्यु पंजीकरण संख्या
कुछ जनसंख्या संबंधी विवरण
अपनी स्वयं की पहचान (Authentication)
इसके बाद UIDAI उचित सत्यापन प्रक्रिया के बाद मृतक का आधार नंबर निष्क्रिय कर देता है।
100 साल से अधिक आयु वाले आधारधारकों की जांच भी शुरू
UIDAI ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले आधार नंबर धारकों की सूची को राज्य सरकारों के साथ साझा करना शुरू किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अब भी जीवित हैं या नहीं। यह पहल आधार डेटा को सटीक और अद्यतन बनाए रखने की दिशा में बड़ा कदम है।
आधार का दुरुपयोग रोकने की जरूरत क्यों?
बीते वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ मृतक आधार संख्या का इस्तेमाल फर्जी पेंशन, राशन कार्ड, या बैंक लेनदेन में किया गया।
इससे न केवल सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी होती है, बल्कि राष्ट्रीय पहचान प्रणाली की विश्वसनीयता भी खतरे में पड़ती है। UIDAI की यह पहल डिजिटल सुरक्षा और पहचान की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।
UIDAI का उद्देश्य: एक सटीक, सुरक्षित और जीवित पहचान डेटाबेस
UIDAI का कहना है कि सटीक जनसंख्या डेटा के बिना नीतियों और लाभ योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव नहीं है। मृतकों के आधार को निष्क्रिय करना